उत्तर प्रदेश मैं एक महिला टीचर ने जालसाजी कर 25 जिलों में नियुक्ति करा कर कमाए करोड़ों रुपए प्रदेश मैं हड़कंप मचा है

फाइल इमेज
लखनऊ उत्तर प्रदेश में : एक महिला टीचर पच्चीस जिलों में नियुक्ति करा कर कमाए करोड़ों रुपए सालो से काम कर रही थीं परंतु एक डिजिटल डेटाबेस होने के बावजूद एक करोड रुपए का वेतन प्राप्त करने में सफल रहीं हैं यह असंभव सा लग रहा हो लेकिन यह हकीकत है।कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय केजीबीवी, में कार्यरत पूर्णकालिक विज्ञान शिक्षिका थीं, और अंबेडकर नगर,बागपत,अलीगढ़, सहारनपुर और प्रयागराज जैसे जिलों के कई स्कूलों में एक साथ काम कर रही थीं यह मामला दिनांक 05/86/2020/को तब सामने आया जब शिक्षकों का एक डेटाबेस बनाया जा रहा था।
मानव सेवा पोर्टल पर शिक्षकों के डिजिटल डेटाबेस में शिक्षकों के व्यक्तिगत रिकॉर्ड, जुड़ने और पदोन्नति की तारीख की आवश्यकता होती है।एक बार रिकॉर्ड अपलोड होने के बाद,यह पाया गया कि अनामिका शुक्ला, नाम की एक ही व्यक्तिगत विवरण के साथ पच्चीस स्कूलों में सूचीबद्ध थीं।स्कूल शिक्षा के महानिदेशक,विजय किरण आनंद ने कहा कि इस शिक्षक के बारे में तथ्यों का पता लगाने के लिए एक जांच चल रही है,शिक्षिका संपर्क में नहीं है।उन्होंने कहा, “यह आश्चर्यजनक है कि शिक्षिका अनामिका शुक्ला उत्तर प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति की वास्तविक समय पर निगरानी किए जाने के बावजूद ऐसा कर पाई है
परंतु
मार्च में इस शिक्षिका के बारे में शिकायत पत्र प्राप्त करने वाले एक अधिकारी ने कहा कि एक शिक्षक अपनी उपस्थिति को कई जगह कैसे चिह्न्ति करा सकता है, जबकि उन्हें प्रेरणा पोर्टल पर ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करानी पड़ती है तथा
सभी स्कूलों में रिकॉर्ड के अनुसार, शुक्ला एक साल से अधिक समय तक इन स्कूलों के रोल पर थीं. केजीबीवी कमजोर वर्गों की लड़कियों के लिए चलाया जाने वाला एक आवासीय विद्यालय है, जहां शिक्षकों को अनुबंध पर नियुक्त किया जाता है. उन्हें प्रति माह लग भग तीस हजार रुपये का भुगतान किया जाता है परंतु जिले के प्रत्येक ब्लॉक में एक कस्तूरबा गांधी स्कूल है
अनामिका शिक्षिका ने इन स्कूलों से वेतन के रूप में फरवरी 2020 तक 13 महीनों में एक करोड़ रुपए लिए हैं. मैनपुरी की रहने वाली अनामिका शुक्ला को आखिरी बार फरवरी तक रायबरेली के केजीबीवी में कार्य करते हुए देखा गया था परंतु जब उनका फजीर्वाड़ा सामने आया था।
रायबरेली में बेसिक शिक्षा अधिकारी आनंद प्रकाश ने कहा कि सर्व शिक्षा अभियान कार्यालय ने अनामिका शुक्ला नामक एक शिक्षिका के बारे में जांच करने के लिए छह जिलों को एक शिकायती पत्र जारी किया था.परंतु उन्होंने कहा था की हालांकि रायबरेली का नाम सूची में नहीं है हमने क्रॉस चैक किया और महिला को जब हमारे केजीबीवी में भी काम करते हुए पाया तो उन्हें नोटिस जारी किया गया था लेकिन उन्होंने वापस रिपोर्ट नहीं की और उनका वेतन भी तत्काल रोक दिया गया उन्होंने साथ में यह भी कहा कि लॉकडाउन के कारण जांच आगे नहीं बढ़ सकी लेकिन अब रिकॉर्ड का सत्यापन किया जाएगा तथा यह पता लगाना अभी बाकी है कि शुक्ला अलग-अलग स्कूलों के वेतन के लिए एक ही बैंक खाते का इस्तेमाल कर रही थीं या नहीं
उच्च अधिकारियों ने यह भी कहा है कि पूर्ण जांच होने के बाद ही शहीद तत्व का पता चलेगा आखिर इस कार्य में कौन-कौन लोग शामिल है तथा इस के पिछे किन किन लोगो का हाथ है