ALIGARH
कल शिवरात्रि के पर्व पर होगा शिव का दूध से जलाभिषेक
फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी की रात्रि को आदिदेव भगवान शिव ,करोड़ों सूर्यों के समान प्रभाव वाले ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रकट हुए थे। यही वजह है कि इसे हर वर्ष फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महापर्व के रूप में मनाया जाता है। महाशिवरात्रि वह महारात्रि है जिसका शिव तत्व से घनिष्ठ सम्बन्ध है। यह पर्व शिव के दिव्य अवतरण का मंगल सूचक पर्व है। उनके निराकार से साकार रूप में अवतरण की रात्रि ही महाशिवरात्रि कहलाती है। वह हमें काम, क्रोध, लोभ, मोह, मत्सर आदि विकारों से मुक्त करके परम सुख शान्ति एवं ऐश्वर्य प्रदान करते हैं।इस दौरान भक्तगण उपवास भी रखते हैं