कासिमपुर पावर हाउस में सायरन की आवाज से क्यों घबराए लोग,सच्चाई जान राहत की सांस

रिपोर्टर आकाश कुमार
आपदा के समय राहत एवं बचाव के पूर्वाभ्यास के लिए हुई मॉक ड्रिल
अलीगढ़ जनपद में शुक्रवार को कासिमपुर तापीय परियोजना में अचानक सायरन की आवाज गूंजने लगी, इससे आसपास के लोग घबरा गए। जहां तक सायरन की आवाज गई लोगों के मन में नई-नई आशंकाएं जागृत होने लगीं, लोग अपने अपने ईष्ट देवो को याद करते हुए सब कुछ अच्छा रहने की कामना के साथ तापीय विद्युत परियोजना की तरफ भाग खड़े हुए।
इधर विद्युत तापीय परियोजना में कुछ लोग स्ट्रेचर पर घायलों को ले जा रहे थे, तो फायर ब्रिगेड वाहन से पानी की बौछार की जा रही थी
वाहनों के आने-जाने की व्यवस्था की गई।
तत्काल एंबुलेंस मौके पर पहुंची गई बाद में लोगों को पूरी घटना की हकीकत पता चली तो लोगों ने राहत की सांस ली।
दरअसल आपको बता दें कि राष्ट्रीय आपदा मोचन द्वारा हरदुआगंज तापीय विद्युत परियोजना कासिमपुर में जिला प्रशासन के सहयोग से औद्योगिक इमरजेंसी विषय पर संयुक्त मॉक एक्सरसाइज का आयोजन किया जा रहा था, ताकि विद्युत इकाई में आपदा की स्थिति में बचाव की तैयारियों को परखा जा सके। आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा प्रथम चरण में योजना एवं समन्वय में सक्रिय भागीदारी और सहायता प्रदान कर मुख्य भूमिका निभाई गई एवं सभी आवश्यक उपकरणों के साथ मॉक ड्रिल में भाग लिया गया। इसके बाद वहां उपस्थित लोगों और कर्मचारियों को समझाया गया कि किसी भी प्रकार की आपदा आने, दुर्घटना घटित होने पर तालमेल एवं आपसी सामंजस्य किस प्रकार से बैठाएं और पीड़ितों, दुर्घटनाग्रस्त कर्मचारियों को जल्द से जल्द किस प्रकार से चिकित्सकीय राहत पहुंचाई जाए। मॉक ड्रिल के दौरान प्रभावी कार्यप्रणाली एवं प्रक्रिया उपकरणों के साथ त्वरित और सुरक्षित संचालन सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह से अभ्यास किया गया है,
इस दौरान अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व विधान जायसवाल ने बताया कि संयुक्त अभ्यास का मूल उद्देश्य विभिन्न सरकारी व गैर सरकारी एजेंसियों के बीच तालमेल के साथ आपातकालीन स्थिति में जानमाल हानि को कम करना है। प्राकृतिक आपदा या अग्निकांड, अचानक घटित दुर्घटना का कोई निश्चित समय नहीं होता है।
यह अचानक कभी भी घटित हो सकती है। इस पर न तो अंकुश लगाया जा सकता है और ना ही रोका जा सकता है लेकिन कुदरती कहर की किसी घटना में हम जान माल के नुकसान को काफी हद तक कम कर सकते हैं। इस तरह की आपात स्थितियों में सबसे पहले हमें अपनो एवं दूसरों की जान की हिफाजत करनी चाहिए उसके बाद अन्य दूसरी चीजों के बारे में सोचना चाहिए।
विधान जायसवाल ने बताया कि मॉकड्रिल आयोजन से समाज के सभी लोग जागरूक होते हैं एवं आपदा के समय बेहतर समन्वय व सामंजस्य का विकास होता है, जो विपरीत परिस्थितियों में प्रतिक्रिया देने के लिए नितांत आवश्यक है। किसी भी प्रकार की बड़ी, भयंकर दुर्घटनाओं में चेतावनी का समय नहीं होता है और नुकसान की आशंका ज्यादा रहती है इसके लिए अत्यधिक सचेत रहने की आवश्यकता होती है।
कैसे हुई मॉक ड्रिल
हरदुआगंज तापीय परियोजना में क्लोरीन गैस का अचानक रिसाव शुरू हुआ। स्थानीय सीआईएसएफ टीम राहत एवं बचाव कार्य में तुरंत जुट गई। परंतु छोटे से गैस रिसाव ने जब विकराल रूप लेना शुरू किया तब सीआईएसएफ द्वारा राहत बचाव कार्य के साथ एनडीआरएफ कंट्रोल रूम को घटना के बारे में अवगत कराया गया। तत्काल एनडीआरएफ की टीम घटनास्थल पर रवाना हुई। टीम में एक अधिकारी, 6अधीनस्थ अधिकारी एवं 40 बचाव कर्मी पहुंचे। मौके पर एनडीआरएफ की सर्चिंग टीम क्लोरीन गैस के रिसाव को खोजने में लग गयी। रिसाव स्थान को चिन्हित करने के बाद एनडीआरएफ की टीम ने गैस रिसाव को बंद किया उसके उपरांत प्रभावितों को बाहर निकाला कर उन्हें चिकित्सीय उपचार के लिए भेजा। ज्यादा प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के बाद इलाके को सुरक्षित किया गया।
इस मौके पर मुख्य महाप्रबंधक तापीय परियोजना की अध्यक्षता में हुई डी ब्रीफिंग
मुख्य महाप्रबंधक तापीय विद्युत परियोजना सुनील कुमार की अध्यक्षता में मॉक ड्रिल के उपरांत डी डिब्रीफिंग का आयोजन किया गया।
डिब्रीफिंग में सभी अधिकारियों ने राहत एवं बचाव कार्य के लिए सुझाव प्रस्तुत किए।
विभिन्न प्रकार के सुझाव देते हुए अधिकारियों द्वारा बताया गया कि प्लांट में जगह-जगह लेआउट लगाया जाए। स्थानों को प्रदर्शित करते हुए साइनेज अनिवार्य रूप से लगाए जाएं।
यदि कोई घटना घटित होती है तो अधिकारियों कर्मचारियों एवं आम जनमानस को पैनिक नहीं होना है।
समय-समय पर पूर्वाभ्यास होते रहें। मार्ग अवरुद्ध ना हो। पार्किंग निश्चित स्थान पर होनी चाहिए। सेफ जोन का होना अत्यंत ही जरूरी है।
स्थानीय स्तर पर रेस्क्यू टीम भी तैयार की जाए। जीएम मयंक मांगलिक ने आश्वस्त किया कि प्राप्त सुझावों से उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जाएगा।
संपूर्ण मॉक ड्रिल के दौरान जीएम मधु मुखरैया, सूर्य कुमार मौर्य डिप्टी कमांडेंट आठवीं बटालियन एनडीआरएफ गाजियाबाद, सुरक्षा अधिकारी नवीन कुमार, टीम कमांडर राहुल कुमार, एडीएफ अलीगढ़ मंडल अमित कुमार, सीआईएसएफ क्षेत्राधिकारी ओम प्रकाश, उप जिलाधिकारी के इगलास अनिल कुमार कटिहार, उप जिलाधिकारी अतरौली रवि शंकर, एसीएम द्वितीय सुधीर कुमार, सहायक निदेशक सूचना संदीप कुमार एवं अन्य अधिकारीगण मोजूद रहे,