कोरोना के बाद हंता वायरस : यूनान प्रांत में एक की मौत; हंता से मौत का खतरा कोरोना के मुकाबले 24% ज्यादा

बीजिंग। कोरोना वायरस के बाद एक और वायरस ने दुनिया भर में खलबली मचा दी है। चीन के युन्नान प्रांत में एक व्यक्ति की हंता वायरस से मौत होने के बाद हैश टैग हंतावायरस सोशल मीडिया पर जबरदस्त ट्रेंड कर रहा है। हंता वायरस ने लोगों की चिंता और बढ़ा दी है। लोगों में डर है कि कहीं चीन के वुहान शहर से जिस तरह कोरोना वायरस दुनिया भर में फैला, वैसे ही हंता वायरस न फैल जाए। ऐसे में यह जानना आपके लिए बेहद जरूरी हो जाता है कि कोरोना वायरस और हंता वायरस में क्या अंतर है? हंता वायरस का संक्रमण कैसे होता है और यह कैसे फैलता है? क्या हंता वायरस जानलेवा है?
चीन के समाचार पत्र ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक हंता वायरस से संक्रमित व्यक्ति काम करने के लिए बस से शाडोंग प्रांत लौट रहा था। उसे हंता वायरस से पॉजिटिव पाया गया था। बस में सवार 32 अन्य लोगों की भी जांच की गई है। हंता वायरस का यह मामला ऐसे समय पर आया है जब पूरी दुनिया वुहान से निकले कोरोना वायरस की महामारी से जूझ रही है। कोरोना वायरस से अब तक 16 हजार 500 लोगों की मौत हो गई है। यही नहीं अब तक दुनिया के 382,824 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। कोरोना वायरस की व्यापकता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यह वायरस अब 196 देशों में फैल चुका है।
एक्सपर्ट्स के मुताबिक हंता वायरस चूहे के संपर्क में आने से इंसान में फैलता है। सेंटर ऑफ डिजीज़ कंट्रोल एंड प्रीवेंशन ने अपनी वेबसाइट पर बताया है ‘घर के अंदर व बाहर चूहे हंता वायरस का संक्रमण फैलने की शुरुआती वजह बन सकता है। अगर कोई व्यक्ति पूरी तरह स्वस्थ भी है तो भी हंता वायरस के संपर्क में आने पर उसके संक्रमित होने का खतरा रहता है।’ हालांकि कोरोना वायरस की तरह हंता वायरस इंसान से इंसान में नहीं फैलता। सेंटर ऑफ डिजीज़ कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति चूहों के मल-मूत्र या उनके बिल की चीजें वगैरह छूने के बाद अपनी आंख, नाक और मुंह को छूता है तो उसमें हंता वायरस का संक्रमण फैल सकता है। कोरोना वायरस की तरह हंता वायरस हवा में नहीं फैलता है।
लक्षण
हालांकि कोरोना वायरस और हंता वायरस के लक्षण काफी एक जैसे हैं। दोनों ही स्थिति में बुखार, सिर में दर्द, सांस लेने में परेशानी, बदन दर्द होता है। इसके अलावा हंता वायरस से संक्रमित होने पर पेट में दर्द, उल्टी, डायरिया भी हो जाता है। इलाज में देरी होने पर संक्रमित इंसान के फेफड़े में पानी भी भर जाता है।
कहां से हुई हंता वायरस की शुरुआत
हंता वायरस का पहला मामला चीन से नहीं है। पहली बार इस वायरस के संक्रमण का मामला मई 1993 में दक्षिण पश्चिमी अमेरिका से आया था। ये चार कोनों- एरिजोना, न्यू मेक्सिको, कोलोराडो और उटाह का क्षेत्र था। न्यू मेक्सिको में इस वायरस से एक युवा शख्स और उसकी मंगेतर की मौत हुई थी। सीडीसी ने अपनी रिपोर्ट में कनाडा, अर्जेंटीना, बोलीविया, ब्राजील, चिली, पनामा, पैरागुए और उरागुए से भी इस तरह के मामले आने की पुष्टि की है।
हंता वायरस नई चुनौती: सवालों के जरिए समझें ये कितना खतरनाक?
कैसे फैलता है?
चीन के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के मुताबिक, यह वायरस चूहों से फैलता है। यह हवा के जरिए नहीं फैलता। यह उन लोगों को अपनी चपेट में लेता है, जो चूहों के मल-मूत्र, सलाइवा और इन चीजों को चेहरे तक ले जाते हैं।
इसके लक्षण क्या हैं?
इस वायरस की चपेट में आने के शुरुआती लक्षण थकावट, बुखार, मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द, चक्कर आना, सर्दी लगना और पेट की समस्याएं होना है।
लक्षण दिखने के बाद अगला चरण क्या होता है?
शुरुआती लक्षण दिखने के बाद अगर संक्रमित व्यक्ति का इलाज नहीं किया जाता है तो उसे लो ब्लडप्रेशर, आघात, नाड़ियों से रिसाव, किडनी फेल होने का खतरा हो सकता है।
अभी किन्हें अपनी चपेट में ले रहा है?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन के ग्रामीण इलाकों में इस वायरस के फैलने की ज्यादा आशंका है, क्योंकि वहां चूहों की तादाद ज्यादा है। इसके अलावा कैम्पर्स और हाईकर्स भी इसकी चपेट में आ सकते हैं, क्योंकि वे कैम्पों में रहते हैं।
कोरोना से कितना ज्यादा खतरनाक है हंता?
दुनियाभर में कोरोनावायरस से 15 हजार लोगों की जान गई है। इससे करीब 4 लाख लोग संक्रमित हैं। कोरोना में मौत की दर 14 फीसदी है और हंता वायरस में 38 फीसदी है यानी हंता वायरस में मौत का खतरा कोरोना के मुकाबले 24 फीसदी ज्यादा है।
बचाव के लिए चीन ने क्या कदम उठाए?
सीडीएस ने बताया कि शुरुआती तौर पर हमने केवल चूहों की तादाद को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाए हैं, क्योंकि इस वायरस के फैलने की जड़ चूहे ही हैं।