जनपद में भिक्षावृत्ति में लगे बच्चों को शिक्षा की तरफ मोड़कर पुण्य के बनें भागीदार, डीएम

रिपोर्टर डी के सागर
जनपद अलीगढ़ 9 मई 22 सू0वि0 जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे. ने बाल भिक्षावृत्ति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि प्रदेश सरकार बाल भिक्षावृत्ति के प्रति संवेदनशील एवं गंभीर है। भीख मांगना एक अनैतिक कार्य की श्रेणी में आता है। सरकार द्वारा भी इसे कानूनन अपराध घोषित किया गया है। कोई भूखा ना रहे, इसके लिए सरकार द्वारा खाद्य सुरक्षा अधिनियम भी लागू किया गया है। प्रदेश सरकार द्वारा इनके पुनर्वासन के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाएं भी संचालित की गई हैं। आवश्यकता है तो सिर्फ दृढ़ इच्छाशक्ति की
उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वह बहानेबाजी से बचते हुए इस दिशा में सार्थक और सकारात्मक कदम उठाएं। डीएम ने कहा कि यदि सक्षम अधिकारी भिक्षावृत्ति में लगे बच्चों को सही मार्ग दिखाते हुए उनको भिक्षावृत्ति से हटाकर शिक्षा की तरफ मोड़ देते हैं तो इससे बड़ा पुण्य का कार्य और क्या हो सकता है,
इधर जिला मजिस्ट्रेट सेल्वा कुमारी जे. ने कहा कि बाल भिक्षावृत्ति समाज के लिए कलंक है। ऐसा भी हो सकता है कि भिक्षा मांगने वाले बच्चे मजबूरी में भिक्षा मांग रहे हों या फिर किसी गिरोह के भी प्रभाव में हो सकते हैं। ऐसे में महती आवश्यकता भिक्षावृत्ति करने-कराने की तह में जाने की है। उन्होंने जिला प्रोबेशन अधिकारी स्मिता सिंह, उप श्रम आयुक्त सियाराम, चाइल्ड लाइन संस्था के पदाधिकारियों समेत अन्य स्वंयसेवी संगठनों को निर्देशित किया कि वह इस दिशा में प्रभावी एवं ठोस कदम उठाते हुए बाल भिक्षावृत्ति के कलंक को मिटाने में सहयोग करें। उन्होंने कहा कि भिक्षावृत्ति एक दलदल की भांति अवश्य है, परंतु इससे इन बच्चों को बाहर निकालना शासकीय ज़िम्मेदारी के साथ ही किसी पुण्य से कम नहीं है। प्रदेश सरकार भी चाहती है कि भिक्षावृत्ति कार्य में लगे बच्चों का पुनर्वासन हो, उन्हें बेहतर शिक्षा प्राप्त हो ताकि वह समाज की मुख्यधारा से जुड़ सकें। वास्तव में बच्चों को भिक्षा की नहीं शिक्षा की जरूरत है। उन्होंने जनसहयोग की अपेक्षा करते हुए कहा कि आपके द्वारा दिया गया पैसा बच्चों के नहीं, बल्कि उन लोगों की जेब में जाता है जो बच्चों से भीख मंगवाते हैं। आप विभिन्न चौराहों, सड़कों पर बच्चों को जो भिक्षा देते हैं उससे बच्चे भीख मांगने के लिए और अधिक प्रेरित होते हैं।
इस दौरान उन्होंने चाइल्डलाइन के पदाधिकारियों समेत अन्य स्वयंसेवी संगठनों से भिक्षावृत्ति पर रोक लगाने के लिए अभियान चलाने की बात कही। उन्होंने कहा कि उनके इस प्रयास से बच्चों में भीख मांगने की प्रवृत्ति पर रोक लगेगी। जिला मजिस्ट्रेट ने सार्वजनिक स्थानों, चौराहों, तिराहों को चिन्हित कर व्यापक अभियान चलाते हुए भिक्षावृत्ति में लगे बच्चों को जागरूक करने के साथ ही उनके परिवारीजनों की एक्सपर्ट के माध्यम से काउंसलिंग कराए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यदि बार-बार बच्चे या उनके परिजन भिक्षावृत्ति करने पर या फिर कराने में लिप्त पाए जाते हैं तो विधिक कार्रवाई करने सभी भी संकोच न किया जाए।