डीएम ने एडीएम, एसडीएम एवं पटल सहायकों के साथ राजस्व कार्यों की टटोली नब्ज

रिपोर्टर आकाश कुमार
अलीगढ़ 25 अप्रैल 22 सू0वि0 जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे. ने सोमवार सांय कलैक्ट्रेट सभागार में एडीएम, एसडीएम, तहसीलदारों व कलैक्ट्रेट पटल सहायकों के साथ राजस्व कार्यों की नब्ज टटोली। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी शिकायत निस्तारण को सर्वोच्च प्राथमिकता दें। ऑनलाइन व ऑफलाइन किसी भी प्रकार के संदर्भों को लम्बित न रखा जाए। धन अभाव, विवाद, स्वीकृति या अन्य किसी कारण से समस्या हल नहीं हो सकती है तो उसको स्पष्ट करते हुए संदर्भ को निस्तारित किया जाए। आईजीआरएस पोर्टल पर दर्ज शिकायतों को निर्धारित अवधि में निस्तारित किया जाए, ऐसा न करने पर जनपद की रैंकिंग पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। लाभार्थीपरक योजनाओं में ऑनलाइन सत्यापन का कार्य लम्बित न रखा जाए, इससे पात्र एवं जरूरतमंद व्यक्ति को समय से लाभ नहीं मिल पाता है। अवैध कब्जे एवं अतिक्रमण के विरूद्ध निरन्तर अभियान चलाया जाए और किया जा रहा कार्य परिलक्षित भी हो।
इस दौरान जिलाधिकारी ने राजस्व कार्यों सम्बन्धित समीक्षा करते हुए अधिकारियों व कर्मचारियों को निर्देशित किया कि वह अपने तैनाती स्थल पर ही रात्रि विश्राम करना सुनिश्चित करें। जमीनी विवाद के मामलों को दोनों पक्षों को सुन पारदर्शिता पूर्ण हल सुनिश्चित किया जाए। यदि विवाद से गॉव में अशान्ति उत्पन्न होती है तो प्राथमिकी दर्ज कर कार्यवाही की जाए। अनुसूचित जाति एवं जनजाति के व्यक्तियों को पट्टा आवंटित करने के साथ ही उन्हें मौके पर कब्जा दिलाया जाए। पट्टा आवंटन प्रपत्र स्थानीय जनप्रतिनिधियों के माध्यम से शिविर आयोजित कर वितरित किये जाएं। खाली पड़ी सरकारी जमीन पर सरकार का कब्जा होना चाहिए, अन्य किसी का नहीं। उन्होंने स्थानीय जनप्रतिनिधियों से तहसील प्रशासन का समन्वय एवं सामंजस्य मधुर रहने के साथ ही उनके द्वारा भेजे गये पत्रों का समय से जबाव दिये जाने के निर्देश दिये। डीएम ने कहा कि भूमि का चिन्हांकन न होने के अभाव में किसी परियोजना को लम्बित नहीं रखा जा सकता, ऐसे में सभी एसडीएम सुनिश्चित करें कि यदि किसी विभाग द्वारा जनहित में भूमि चाही गयी है तो प्राथमिकता से उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें
शिकायत निस्तारित न करने वाले अधिकारियों की होगी पेशी
जनशिकायत निस्तारण जिलाधिकारी की ही नहीं अपितु प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल है ऐसे में जन शिकायत निस्तारण में रूचि न दिखाने वाले अधिकारियों की अब खैर नहीं। प्रायः देखने में आ रहा है कि लाख समीक्षा के बाद भी विभिन्न विभागों के अधिकारियों द्वारा आईजीआरएस पर लम्बित शिकायतों को समय से निस्तारित न करने पर वह डिफॉल्टर की श्रेणी में आ जातीं हैं और इससे जनपद की रैंकिंग खराब होती है। ऐसे में जिलाधिकारी ने कठोर कदम उठाते हुए पटल सहायक फिरोज को निर्देशित किया है कि लापरवाह अधिकारियों को प्रातः 10 बजे कलैक्ट्रेट में पेश किया जाए।
शिकायत निस्तारण पर एलडीएम की हुई प्रशंसा:
जिलाधिकारी ने एक तरफ जहां जनशिकायत निस्तारण में कोताही बरतने वाले अधिकारियों की जमकर क्लास ली वहीं दूसरी तरफ लीड बैंक मैनेजर अनिल कुमार सिंह के कार्यों की भूरी-भूरी प्रशंसा की। उन्होंने तत्परता से शिकायत निस्तारण किया है