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महिला के वस्त्र हटाए बिना आंचल छूना दुष्कर्म नहीं, सुप्रीकोर्ट

मो, दिलशाद की रिपोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाई कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें कहा गया था कि ‘त्वचा से त्वचा संपर्क’ नहीं होने पर यौन उत्पीड़न नहीं माना जाएगा। शीर्ष अदालत ने मामले के आरोपियों के बरी होने के आदेश पर भी रोक लगा दी है। आपको बता दें कि बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने कहा था कि “त्वचा से त्वचा संपर्क” के बिना एक नाबालिग के स्तन को छूना यौन उत्पीड़न के रूप में परिभाषित नहीं किया जा सकता है।
मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने मामले के आरोपियों को नोटिस जारी किया है। उनसे दो सप्ताह में इस माले पर उनकी प्रतिक्रिया मांगी गई है।