मेरठ, एसएसपी ने पुलिस कर्मी को रिश्वत लेते रंगे हाथ किया गिरफ्तार, सिपाही ने खोला राज

रिपोर्टर अनिल कुमार 01/09/21
मेरठ जनपद में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को लगातार ये सूचना मिल रही थी कि थानों में पुलिसकर्मी बिना रिश्वत कार्य करने मै असमर्थ रहते हैं,इस घटना कि गोपनीय जाँच एसएसपी साहब खुद ही करने पहुंच गए, उन्होंने इन रिश्वतखोर पुलिस कर्मियों की जांच शुरू दी,
इस दौरान मंगलवार को एसएसपी के हाथ एक बड़ी सूचना प्राप्त हुई , जिसमें पता चला कि पुलिस वालों की एक वकार नाम के व्यक्ति से एक एक मामले मै लाख रुपये की रिश्वत कि मांग कि गई है, इसी मामले में पुलिसकर्मी रूपये लेते रंगे हाथ दबोचे ।इस खबर के मिलते ही एसएसपी ने एसपी सिटी के नेतृत्व में एक टीम बनाई. हेड कांस्टेबल मनमोहन सिंह की घेराबंदी कर ली गई । शाम चार बजे वकार नाम का व्यक्ति मुजफ्फरनगर से मेरठ पहुंचेगा, इसकी खबर लगते ही वकार के साथ सादा वर्दी में चार पुलिस वाले भी लग गए। रिश्वत देने के लिए सिपाही को वकार ने रजबन में बुला लिया तथा पैसे लेते ही पुलिस टीम ने सिपाही को दबोच लिया, रिश्वतखोर पुलिसकर्मी को पकड़ने के बाद पुलिस उसको पुलिस लाइन ले गई।यहां चार घंटे तक एसएसपी, एसपी सिटी, एएसपी ने इस पुलिसकर्मी से पूछताछ की । जिाके बाद सिपाही ने आखिरकार इंस्पेक्टर का सारा राज खोलते हुए, इस प्रकार बताया कि किस तरह से रिश्वत मांगी गई । पुलिस ने वकार से भी पूछताछ की, इसके बाद दोनों को आमने-सामने बैठा दिया, परन्तु लंबी पूछताछ के बाद पकड़े गए आरोपी सिपाही ने वसूली की रकम के बारे में पुलिस अधिकारियों को बताया।
एसएसपी मेरठ को इससे पहले भी भ्रष्टाचार की शिकायते प्राप्त हुई है , जिसके चलते उन्होंने क्राइम मीटिंग में सभी थानेदारों को चेतावनी भी दी थी । दरअसल सोतीगंज इलाके में लगातार वाहन चोरों और कबाड़ियों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा था, बावजूद इलाके में चोरी के वाहन मिल रहे थे। इंस्पेक्टर सदर बिंजेंद्र सिंह राणा ने अपने थाने पर भ्रष्टाचार मुक्त के पोस्टर खुद चस्पा कराए थे। लेकिन वो खुद ही रिश्वत में लिप्त पाए गए । एसएसपी की ओर से पुलिस पर भ्रष्टाचार का यह दूसरा मुकदमा दर्ज कराया गया है। मामले मे15 पुलिसवाले सस्पेंड किए गए, जबकि 100 से ज्यादा पुलिस वाले लाइन हाजिर किए गए ।