लॉक डाउन के चलते अन्य राज्यों में फसे प्रवासी मजदूरों को लाकर किया स्क्रीन टेस्टिंग कर भेजा

संवाददाता रमेश कुमार की रिपोर्ट
(सुपौल): कोरोना वारियर्स से बचाव को लेकर पूरे देश में लॉकडाउन का चोथा चरण चालू है। ऐसे में केन्द्र सरकार के निर्देश पर बिहार सरकार अन्य राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों को अपने राज्य में लाकर स्क्रीन टेस्टिंग करते हुए कोरेंटाइन सेंटरों में पूरे एहतियात के साथ भेजा जा रहा है। लेकिन कोरेंटाइन सेंटरों में इन प्रवासी मजदूरों के रहने, खाने व अन्य सुविधाओं का कोई बेहतर इंतजाम नहीं किया गया है, जिस कारण इन सेंटरों में भेजे गये प्रवासी मजदूर आये दिन कुव्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाते हुए बिहार सरकार एवं अधिकारियों के खिलाफ विरोध करने से बाज नहीं आ रहे है। प्रवासी मजदूरों ने बताया कि क्वारांटाइन सेंटर में प्रवासी मजदुरो के लिए कोई व्यवस्था नहीं किया गया है। बल्कि सभी प्रवासी मजदूरों को भेड़ बकरियों की तरह सेंटरों में रखा जा रहा है। इन मजदूरों के लिए ना ही खाने की उत्तम व्यवस्था और ना ही रहने की उत्तम व्यवस्था किया गया है। क्वारेंटाइन सेंटरों में बिजली, पानी एवं बेड की घोर किल्लत है। मजदूराें को ना ही साबुन, ना ही मास्क और ना ही पीने की स्वचछ पानी मिल रहा है। इतना ही नहीं सेंटरों में रह रहे महिलाओं एवं छोटे-छोटे बच्चों के लिए कोई भी मुकम्मल व्यवस्था नहीं किया गया है। वही पिपरा प्रखण्ड के निर्मली पंचायत के भागीरथ मध्य विद्यालय में बने कोरेंटाइन सेंटर के मजदूरों ने बताया कि हमलोग 83 मजदूर सेंटर में रहते हैं जिसमें 60 मजदूर को ही कीट मिला है। ओर हमलोग जब से यहॉ आए है मात्र 2 दिन ही स्कूल ग्राउंड को सेनीटाइज किया गया। कटैया माहे सरकार भवन में बने कोरोटाइम सेंटर मैं 150 प्रवासी में 4 महिला रह रहे हैं जिसमें निरो देवी ने बताया कि हम लोगो को धोती और लुंगी गमछी मिला है जबकि हम लोगों को सरकार के द्वारा कहा गया है कि साड़ी व अन्य कीट मिलना चाहिए। वही सेंटर पर उपस्थित शिक्षक ललन कुमार ने बताया कि जब से हम यहां आए हैं तब से अभी तक 1 दिन भी कोरोटाइन सेंटर को सैनिटाइज नहीं किया गया है। वहीं निर्मली पंचायत के वार्ड नंबर 1 में बने कोरोटाइन सेंटर पर उपस्थित सेंटर संचालक शशि रंजन ने बताया की यहां प्रवासियों के खाने पीने का पूर्ण इंतजाम किया गया है वही रात्रि में देख रेख के लिए एक भी शिक्षक उपस्थित नहीं होते हैं ना ही रात्रि गार्ड दिया गया है। वही रामनगर पंचायत के कोसली पट्टी मध्य विद्यालय में बने कोरेंटाइन सेंटर के प्रवासियों ने बताया की हम लोगों को प्रत्येक दिन और रात चावल दाल सब्जी ही खाने को मिलता है 1 दिन भी रोटी या पूड़ी सब्जी नहीं मिला है मात्र एक टाइम दूध मिलता है। वही उच्च माध्यमिक विद्यालय तुलापट्टी में बने कोरेंटाइन सेंटर पर 103 प्रवासि रह रहे हैं जिसे नहाने धोने के लिए एक चपा कल है प्रवासियों ने बताया कि हम लोगों को नहाने धोने में भारी दिक्कतओ का सामना करना पड़ता है।