विद्युत स्मार्ट मीटर में तेज चलने की आई शिकायते, नहीं हुआ सुधार

मो दिलशाद की रिपोर्ट 23/09/2020
उत्तर प्रदेश के बस्ती सहित अन्य जनपदों में बिजली उपभोक्ताओं के घरों में लगे
चाइनीज स्मार्ट मीटरों के तेज चलने की शिकायतें मिलती रहती है. इन मीटरों के तेज चलने का ये आलम है की अब बिजली उभोक्ताओं को आने वाला बिल झटका देने लगा है.
ये बिल अब उपभोक्ताओं की जेब पर भारी पड़ने लगे है. सरकार की महत्वाकांक्षी योजना में शामिल हर घर को बिली का स्लोगन निम्न और गरीब आय वर्ग के लोगों के लिए परेशान करने लगा है. पिछले वर्ष की तुलना में बढ़े बिजली के बिलों में अब दो गुनी की बढोत्तरी दर्ज होने लगी है.
स्मार्ट मीटरों के तेज चलने की शिकायतें आम है. उपभोक्ता अक्सर उनके तेज चलने की शिकायतें करते रहे है. उत्तर प्रदेश सरकार के बिजली मंत्री श्रीकांत शर्मा ने जून जुलाई महीने में घरों में लगने वाले चाइनीज स्मार्ट मीटरों को बदलने की बात कही थी. उसके बावजूद मीटर बदलने का काम अभी तक शुरू नहीं हो सका है. जिससे उपभोक्ताओं की जेब कोरोना काल में भी कटती रही है.
विभागीय दावों की मानें तो घरों में लगे मीटर ठीक ढंग से काम कर रहे है. जबकि एक ही घर में लगे उपकरण उतने ही समय उपयोग में लाये जाने के बावजूद कुछ ही महीनों के बिलों में भारी अन्तर साफ दिखाई दे रहा है. सरकार का दावा है की हम पिछली सरकारों से ज्यादा बिजली दे रहे है. सरकार की बात पर ध्यान दिया जाए तो पिछले वर्ष भी जनता को भरपूर बिजली मिल रही थी. पिछले साल बिजली की कटौती नाम मात्र की थी. इस साल कटौती ज्यादा होने के बावजूद बिल ज्यादा क्यों आ रहे है..?
असल खेल स्मार्ट मीटरों में गड़बड़ी का है. जिस पर किसी का ध्यान नहीं देने से भारी बिलों के बोझ तले जनता पिस रही है. खाद्य एवं रसद विभाग की दुकानों में चाइनीज ई पास मशीनें बांटी गयी है. सिर्फ एक वर्ष के अन्दर ही उन मशीनों में गड़बड़ी की शिकायतें मिलने लगी है. ऐसे में घरों में लगे स्मार्ट मीटरों की गड़बड़ी से इंकार नहीं किया जा सकता है. उपभोक्ता मनमाने बिलों से त्रस्त है और विभाग सुधार भी नहीं करता