श्रीनगर में आतंकी मुठभेड़ में शहीद हुए,देवरिया का जवान संतोष ,परिजनों का रो रो कर बुरा हाल

कर चले हम फिदा जान ए वतन साथियों अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों
जनपद देवरिया, के मदनपुर थाना क्षेत्र के टड़वां ग्राम के निवासी प्रथम राष्ट्रीय रायफल्स के जवान संतोष यादव शनिवार को श्रीनगर के सोपिया में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हो गए। इसकी सूचना सेना में ही तैनात संतोष के छोटे भाई मनोज यादव ने पिता को दी। खबर मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया।
मूल रूप से एकौना थाना क्षेत्र के सचौली पटवनिया गांव के रहने वाले शेषनाथ यादव मदनपुर के टड़वा में मकान बनाकर रहते हैं। उनके बड़े बेटे संतोष यादव (33) सेना के प्रथम राष्ट्रीय रायफल्स (फर्स्ट आरआर) में तैनात थे। करीब 10 वर्ष पहले वह सेना में भर्ती हुए थे। वर्तमान में श्रीनगर में उनकी तैनाती थी। उनके छोटे भाई मनोज यादव भी आर्मी में श्रीनगर में ही तैनात हैं। मनोज ने मोबाइल पर फोन कर पिता शेषनाथ यादव को घटना की जानकारी दी,
परिजनों के अनुसार वारदात शनिवार की सुबह हुई। आतंकियों के छिपे होने की सूचना पर सेना के जवान सोपिया में कॉम्बिंग अभियान चला रहे थे। उसी दौरान मुठभेड़ हो गई। इस कार्रवाई में एक आतंकी मारा गया, जबकि संतोष यादव और महाराष्ट्र के रहने वाले उनके साथी रोमित चह्वाण गोली लगने से घायल हो गए। सेना के जवानों ने दोनों को श्रीनगर स्थित आर्मी अस्पताल में भर्ती कराया जहां दोनों की मौत हो गई। संतोष के छोटे भाई मनोज आर्मी अस्पताल में पहुंच गए हैं,
संतोष के शहीद होने की खबर जैसे ही मिली घर में कोहराम मच गया, पिता शेषनाथ यादव और मां मैना देवी का रो-रो कर बुरा हाल है।
इस दौरान गांव के लोग दोनों को ढांढ़स बंधा रहे हैं।
संतोष की पत्नी धर्मशिला देवरिया में रहकर अपने बच्चों को पढ़ाती हैं,
घटना की खबर मिलते ही पत्नी के पैरो तले जमीन ही खिसक गई हो परंतु वह आनन फानन में घर पहुंच गईं। वह बार-बार बेसुध हो जा रही हैं। संतोष की सिर्फ दो बेटियां हैं। बड़ी बेटी जान्ह्वी 9 वर्ष की दूसरी छोटी बेटी ढाई साल की है,
जानकारी के अनुसार संतोष के पिता शेषनाथ यादव पहले विदेश में नौकरी करते थे। दोनों बेटे संतोष और मनोज सेना में भर्ती हो गए तो वह घर पर रह कर खेती-बारी करने लगे। उनकी तीन बेटियां मुन्नी, गुच्ची और माया हैं। मुन्नी और गुच्ची की शादी कर चुके हैं। माया की शादी नही हुई है।
घटना की खबर मिलते ही पूरे क्षेत्र में आग की तरह फैल गई, शहीद के घर पर ग्रामीणों के साथ आसपास के गांवों के लोग भी पहुंच गए,
इधर कई पार्टियों के नेता भी पहुंच कर शहीद के परिजनों को सांत्वना दे रहे हैं।