अलीगढ़: शहरी क्षेत्रों में गरीबों एवं झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वालों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना  के तहत 6 लाख घरों के निर्माण को मंजूरी मिल गई है। पहले चरण में 6 लाख और दूसरे चरण में शहरों में पांच साल में एक करोड़ घर बनाना है। निर्माण और आवंटन में देरी को दूर करने के लिए भी केंद्र सरकार सतर्क है।

विभिन्न शहरों में निर्धन और मध्यम वर्ग को आवास उपलब्ध कराने के लिए पीएम आवास योजना के तहत केंद्र सरकार ने पहले चरण में छह लाख से अधिक घरों के निर्माण को लेकर सैद्धांतिक सहमति दे दी है। पीएम आवास योजना के दूसरे चरण में शहरों में पांच साल में एक करोड़ घर बनने हैं।योजना के क्रियान्वयन के लिए केंद्र सरकार के साथ लगभग सभी राज्यों और केंद्रशासित क्षेत्रों ने एमओयू पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। 

इस दौरान मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा है कि लगभग सभी राज्यों से घर के प्रस्ताव मिले हैं। राज्यों में लाभार्थियों के चयन की प्रक्रिया अगले साल के शुरुआत में आरंभ हो जाएगी।डिमांड सर्वे और उनका प्रमाणन अगले मार्च तक पूरा कर लिए जाने की योजना है। इसके साथ ही राज्यों को मार्च तक ही अपने यहां एफोर्डेबल हाउसिंग पॉलिसी तैयार कर लेनी है, जो कि पीएम आवास योजना के लिए किए गए एमओयू की एक अनिवार्य शर्त है।छह लाख घरों के निर्माण के साथ ही केंद्र सरकार किरायेदारी के मॉडल वाली एफोर्डेबेल रेंटल हाउसिंग पर भी इस बार काफी जोर दे रही है। 

इसमें आर्थिक रूप से कमजोर और कम आय वर्ग के उन लोगों को किराये पर आवास उपलब्ध कराए जाएंगे जो घर नहीं खरीदना चाहते हैं। इसमें कामकाजी महिलाओं पर खास ध्यान दिया गया है।

जल्द मिलेंगे गरीबों को मुफ्त मकान।

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