अलीगढ़ / समेत देश मन रहा है करवा चौथ पर्व 

करवा चौथ विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना के लिए रखती हैं, और यह पति-पत्नी के बीच प्रेम, विश्वास और बंधन को मजबूत करने वाला त्योहार है। 

यह किसी एक सत्य घटना पर नहीं, बल्कि कई पौराणिक कथाओं पर आधारित है, जिनमें माता पार्वती द्वारा शिव के लिए और द्रौपदी द्वारा अर्जुन के लिए रखे गए व्रत की कहानियाँ शामिल हैं। 


करवा चौथ क्यों मनाते हैं?

पति की दीर्घायु और सुख-समृद्धि: मुख्य रूप से महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और खुशहाली के लिए निर्जला व्रत भी रखती हैं। 

दांपत्य जीवन का बंधन: 

यह त्योहार पति-पत्नी के बीच प्रेम, विश्वास और समर्पण को बढ़ाता है, जिससे उनके रिश्ते और भी मजबूत होते हैं। 

सामाजिक और पारिवारिक एकता: करवा चौथ महिलाओं को एक साथ इकट्ठा होने, एक-दूसरे से जुड़ने और अपने रीति-रिवाजों को निभाने का मौका भी देता है।

वेद पुराणों के अनुसार पहली बार माता पार्वती ने किया था करवा चौथ: पौराणिक मान्यताओं के अनुसार पहली बार माता पार्वती ने भगवान शिव के लिए यह व्रत रखा था। माता सीता ने भी भगवान श्रीराम के लिए करवा चौथ का व्रत रखा था। तब से सुहागिनें अखण्ड सौभाग्य हेतु इस व्रत का

शुभ मुहूर्त 10 अक्टूबर की रात 7.58 बजे के बाद चन्द्रमा को अर्घ्य प्रदान किया जाएगा। महिलाएं इस दिन कठिन व्रत का पालन करती हैं और विधिवत पूजा-अर्चना कर पति की लंबी आयु, सौभाग्य व सलामती की कामना करती हैं। माना जाता है कि इस व्रत को करने से घर में समृद्धि आती है।

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