जिन पर अलीगढ़ सिविल कोर्ट: बेटी से बलात्कार के आरोपी  को एडीजी द्वितीय प्रदीप कुमार राम की अदालत ने दस साल की सजा सुनाई साथ में 52 हजार रुपए का आर्थिक दंड भी लगाया है। इस मैं से पचास हजार रुपए पीड़िता को क्षतिपूर्ति बटोर देने की आदेश दिए हैं। इस दौरान आरोपी की मां व भाई को नेक चलनी की शर्तों पर बरी कर दिया हैl

जानकारी के अनुसार विशेष लोक अभियोजक रघुवंश शर्मा ने बताया कि बन्ना देवी क्षेत्र की युवती ने 8 अक्टूबर 2018 को मुकदमा दर्ज कराया था। उसमें कहा था कि उनके पति ठेकेदार के यहां कार्य करते थे। उन्हीं के पास 14 साल बेटी भी होली के बाद काम करने लगी। वहां पास में रहने वाला नरेंद्र भी कार्य करता था। 2 अक्टूबर 2018 की सुबह पीड़िता के पेट में दर्द हुआ था। डॉक्टर को दिखाने पर पता चला कि वह 6 माह की गर्भवती है। इस दौरान किशोरी  ने नरेंद्र द्वारा बलात्कार करने की बात बताई। इसके बाद नरेंद्र उसकी मां में भाई को कारखाने में बुलाकर वार्ता की तो वह उत्तेजित हो गए। तथा गाली गलौज में मारपीट की गई। परंतु तीन अक्टूबर को घर आकर बच्चा गिराने को कहा, ऐसा न करने पर जान से मारने की धमकी भी दी। पुलिस ने तीनो के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय दाखिल किया।

न्यायालय ने गवाहों व साक्ष्यों के अनुसार नरेंद्र को आरोपी करार देते हुए यह सजा सुनाई है। वही कोर्ट ने मां व भाई को परिवीक्षा अधिनियम का लाभ देते हुए नेक चलनी की शर्तों पर बरी कर दिया है।

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