सुप्रीम कोर्ट

अलीगढ़/ भारत की राजधानी दिल्ली सुप्रीम कोर्ट: संपत्ति विवादों को सुलझाने वाले सिद्धांतों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया है। 

आज सर्वोच्च न्यायालय ने साफ किया कि किसी व्यक्ति को संपत्ति पर पहले से ही मौजूद अधिकारों की पुष्टि करने वाला समझौता डिक्री के लिए पंजीकरण अधिनियम 1908 के तहत पंजीकृत करना आवश्यक नहीं है। इस दौरान कोर्ट ने यह भी साफ किया कि इस तरह के मामले में भारतीय स्टाम्प अधिनियम 1899 के तहत कोई स्टाम्प ड्यूटी नहीं लगाई जाएगी, क्योंकि यह कोई नया अधिकार नहीं बनाती है।

Share To:

Post A Comment: