रिपोर्टर आकाश कुमार 

अलीगढ़, 1 जून 2025 : प्रदेश के मा0 मंत्री पशुधन एवं दुग्ध विकास, राजनैतिक पेंशन श्री धर्मपाल सिंह जी ने रविवार को सर्किट हाउस में जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ गौ-संरक्षण, पशुपालन सेवाओं, चारागाह प्रबंधन एवं संचारी रोग नियंत्रण संबंधी योजनाओं की समीक्षा बैठक की। मा0 मंत्री जी ने कहा कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन तक पहुॅचाने के लिए पशुधन विभाग का महत्वपूर्ण स्थान है। किसान की आय केवल खेती से ही नहीं बल्कि पशुपालन से भी दोगुनी हो सकती है। यदि खेती प्रभावित होती है तो पूरी अर्थव्यवस्था प्रभावित होती है। मा0 मुख्यमंत्री जी ने गायों को प्राथमिकता पर रखा है। मा0 मुख्यमंत्री जी ने निराश्रित गौवंश के संरक्षण के लिए 6 विभाग पंचायतीराज, ग्राम्य विकास, नगर विकास, राजस्व, पुलिस एवं पशुपालन विकास की टीम तैयार कर कार्य करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि गौवंश संरक्षण एवं सड़क सुरक्षा के दृष्टिगत प्रदेश भर में प्रथम चरण में हाईवे के किनारे बसे ग्रामों में गौवंशों को रेडियम बेल्ट पहनाई जाएंगी ताकि रात्रि के अंधेरे में सड़क दुर्घटनाओं से बचा जा सके। 

मा0 मंत्री पशुधन एवं दुग्ध विकास, राजनैतिक पेंशन श्री धर्मपाल सिंह ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि गौवंश संरक्षण के लिए सभी जिलास्तरीय एवं ग्राम स्तरीय गौशालाओं की नियमित मॉनीटरिंग की जाए। संचारी रोग नियंत्रण के लिए पशुओं के टीकाकरण एवं उपचार की व्यवस्थाओं को प्रभावी बनाया जाए। चारागाहों की भूमि से अवैध कब्जे तत्काल हटाकर उनका सीमांकन एवं पुनः चारागाह के रूप में विकास कराया जाए। गौशालाओं के संचालन में पारदर्शिता, स्वच्छता एवं हरा चारा-पानी की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि देशी गायों का संरक्षण हम सभी का उत्तरदायित्व है। नस्ल सुधार के लिए क्रत्रिम गर्भाधान निःशुल्क है। उन्होंने सीवीओ को निर्देशित किया कि नस्ल सुधार, बधियाकरण योजना, संक्रामक रोगों पर नियंत्रण के लिए विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने महिला स्वंय सहायता समूहों के माध्यम से भी गौशालाएं संचालित कराने के निर्देश दिए। एसएफसी पूलिंग की धनराशि गौशाला हित में सदुपयोग करने के साथ बीडीओ और पशुचिकित्साधिकारी सप्ताह में दो बार गौशाला का निरीक्षण अवश्य करें।

मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. दिवाकर त्रिपाठी ने अवगत कराया कि जिले में 48 पशु चिकित्सालय, 104 पशु सेवा केंद्र एवं 90 कृत्रिम गर्भाधान केंद्र संचालित हैं। जिले में अब तक 89326 पशुओं का कृत्रिम गर्भाधान एवं 14650 पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है। 13 पंजीकृत व 15 अपंजीकृत गौशालाओं सहित कुल 117 अस्थाई गौ संरक्षण केंद्रों एवं अन्य आश्रय स्थलों में कुल 31123 गौवंश संरक्षित हैं। उन्हांेने बताया कि गौवंश संरक्षण के लिए मुख्यमंत्री सहभागिता योजना के अंतर्गत 2062 लाभार्थियों को 5735 गौवंश वितरित किए गए। 5 वृहद गौ संरक्षण केंद्रों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। जिले में 21 कैटल कैचर एवं 13 मोबाइल वेटरनरी यूनिट्स संचालित हैं। बहुउद्देश्यीय सचल वाहन सेवा के माध्यम से 54 शिविरों में 1362 पशु चिकित्सा, 8750 टीकाकरण सहित विविध सेवाएं प्रदान की गईं। भूसा प्रबंधन के अंतर्गत अब तक 32956 कुंतल भूसा दान एवं 136262 कुंतल भूसा क्रय कर कुल 169218 कुंतल भूसा का भंडारण।

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